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6 साल से एक ही पद पर जमे है भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित जिला पंचायत के अधिकारी: विभागीय कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल








6 साल से एक ही पद पर जमे है भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित जिला पंचायत के अधिकारी: विभागीय कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल



जांजगीर-चांपा। बिलासपुर जिले में 50 लाख रुपये की गड़बड़ी के आरोप में हटाए गए तत्कालीन जनपद पंचायत सीईओ अभिमन्यु साहू को शासन के कुछ जिम्मेदार अधिकारियों से अभयदान मिलता दिख रहा है। कई बार स्थानांतरण आदेश जारी होने के बावजूद यह अधिकारी सालो से जांजगीर-चांपा जिले में ही एक ही पद पर जमे हुए हैं। शासन की सख्त मंशा और हाई कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बाद भी ऐसे अधिकारी जिले से जाने का नाम नहीं ले रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायतों के लिए जारी राशि अपने खाते में डालकर मनमर्जी तरीके से फंड का दुरूपयोग करने के मामले में मस्तूरी जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ अभिमन्यु साहू को जांच रिपोर्ट के आधार पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास आयुक्त ने सस्पेंड कर दिया था। बिलासपुर जिले में विकास कार्यों और पंचायत योजनाओं में भारी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सामने आने पर जनपद पंचायत मस्तूरी के तत्कालीन सीईओ अभिमन्यु साहू को हटाते हुए निलंबन अवधि में उन्हें मंत्रालय में अटैच किया गया था। लेकिन आदेश जारी होने के बावजूद अधिकारी ने तबादला स्थल पर कार्यभार नहीं संभाला और प्रभावशाली संपर्कों के दम पर अविभाजित जांजगीर-चांपा जिले के जैजैपुर में जनपद पंचायत सीईओ के पद पर में ही जमे रहे, इधर कुछ सालो बाद शासन से राज्य स्तर पर आदेश जारी कर उनका स्थानांतरण महासमुन्द जिले में किया गया, मगर फिर प्रभावशाली संपर्कों के दम पर वर्ष 2019 में उन्होंने अपना स्थानांतरण महासमुन्द जिले से जांजगीर-चाम्पा करा लिया। हालांकि लगातार शिकायतों के बाद साल भर बाद वर्ष 2020 में राज्य शासन ने उनका स्थानांतरण जांजगीर चाम्पा से गरियाबंद जिले में कर दिया, मगर उप संचालक अभिमन्यु साहू ने हाई कोर्ट में शासन के विरुद्ध याचिका दाखिल कर मामले में स्थगन (स्टे) आदेश ले लिया, इधर मामले में हाई कोर्ट ने 14 जून 2024 को सुनवाई करते हुए कहा कि 14.08.2020 के आरोपित स्थानांतरण आदेश के प्रभाव और संचालन पर इस न्यायालय के 05.10.2020 के आदेश द्वारा पहले ही रोक लगा दी गई है, इस स्तर पर, इस याचिका का निपटारा प्रतिवादियों/सक्षम प्राधिकारी को वर्तमान आवश्यकता, यदि कोई हो, को देखते हुए एक नया स्थानांतरण आदेश पारित करने का निर्देश देकर किया जाता है। हाईकोर्ट के आदेश के साल भर गुजर जाने के बाद उप संचालक अभिमन्यु साहू का स्थानांतरण नहीं हुआ और सालो से वे अपने पद पर अंगद की पाव की तरह जमे हुए है।


*अंगद की पाव की तरह जमे उप संचालक, नहीं छूट रहा जिले से मोह*

छह साल से पद पर जमे उप संचालक अभिमन्यु साहू का मोह अब भी नहीं छूट रहा है। विभागीय तबादला नीति और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के बावजूद वे उसी पद पर बने हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, बार-बार स्थानांतरण आदेश जारी होने के बाद भी वे प्रभावशाली संपर्कों के सहारे पद पर टिके हैं। विभाग में चर्चा है कि लंबे समय से एक ही स्थान पर रहने से विभागीय कार्यो पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अधिकारी-कर्मचारियों में असंतोष है और उनकी पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना होगा कि विभाग कार्रवाई करता है या स्थिति यूं ही बनी रहती है।


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